छत्तीसगढ़-बलरामपुर || आपको बता दें कि पूरा मामला छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में पहली बार एसडीएम कोर्ट का बहिष्कार करने का मामला सामने आया है। अधिवक्ताओं ने मंगलवार को संघ की मीटिंग बुलाई थी, जिसमें एसडीएम के द्वारा अधिवक्ताओं से लगातार पिछले कई महीनो से दुर्व्यवहार और न्यायालयीन कार्यवाही में मनमानी करने को लेकर सभी ने यह फैसला लिया।
जानकारी के मुताबिक पूरा मामला बलरामपुर जिले के राजपुर ब्लॉक का है, जहां के अधिवक्ता संघ ने पिछले कई महीनों से राजपुर एसडीएम के व्यवहार से काफी नाराज थे। आरोप है कि न्यायालय में किसी भी प्रकरण में एसडीएम राजपुर के द्वारा मनमानी करने के साथ अधिवक्ताओं से दुर्व्यवहार लगातार किया जाता रहा है।
अलग-अलग अक्षरों में सुनवाई के लिए बुलाया जाता है –
अधिवक्ताओं ने कहा कि किसी भी प्रकरण में सुनवाई के दौरान राजस्व मंडल और माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ द्वारा पारित न्याय दृष्टांत का उल्लेख प्रकरण में पारित किए जाने वाले आदेशों को नहीं लिया जाता। अधिवक्ता संघ की बैठक में अधिवक्ता को दांडिक मामलों में अलग-अलग अक्षरों में सुनवाई के लिए बुलाया जाता है और धारा 151 दंड प्रक्रिया संहिता के प्रकरण का निपटारा अपने चेंबर में किया जाता है।
वकील बोले – हमें अपमानित किया जाता है।
इतना ही नहीं न्यायालय में साक्ष्य के दौरान अन्य पक्षकारों को वह अधिवक्ताओं को भी बाहर कर दिया जाता है, लेकिन जब इस बात का विरोध करते हैं तो एसडीएम के द्वारा अधिवक्ताओं से बदतमीजी कर अपमानित और जलील किया जाता है।
अधिवक्ताओं ने की एसडीएम को हटाने की मांग –
इस समय जिले के राजपुर ब्लॉक में राजीव जेम्स कुजूर एसडीएम के रूप में तैनात है। अधिवक्ता संघ ने इस संबंध में रायपुर मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन सौंप कर कार्यवाही की मांग की है और एसडीएम राजीव जेम्स को हटाने की भी मांग की है। उन्होंने यह भी कहा है कि जब तक एसडीएम को यहां से नहीं हटाया जाएगा तब तक न्यायालय की कार्यवाही का बहिष्कार करते रहेंगे।