सरगुजा के सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण संबंधित 5 दिवसीय कार्यशाला आयोजित….
सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण की चुनौतियों, धरोहरों के प्रबंधन की दी गई विस्तृत जानकारी।
सरगुजा-अम्बिकापुर || संचालनालय पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय रायपुर की ओर से सरगुजा के सांस्कृतिक विरासतों का संरक्षण विषयक 5 दिवसीय संभागस्तरीय कार्यशाला अंबिकापुर जिला पुरातत्व संग्रहालय में सरगुजा सासंद श्री चिंतामणि महाराज के द्वारा मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर अंबिकापुर विधायक श्री राजेश अग्रवाल, लुण्ड्रा विधायक श्री प्रबोध मिंज, सरगुजा आयुक्त श्री जी आर चुरेंद्र, पूर्व कुलपति शंकराचार्य प्रोफेशनल विश्वविद्यालय प्रोफेसर एल एस निगम सहित बिलासपुर एवं सरगुजा संभाग के विभिन्न जिलों से जिला पुरातत्व संघ के सदस्य शामिल रहे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री चिंतामणि महाराज ने संबोधित करते हुए सरगुजा संभाग के रामगढ़, महेशपुर, डीपाडीह जैसे अन्य पुरास्थलों की जानकारी दी तथा उपस्थित प्रतिभागियों से कहा कि इस कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों से सीखें और सभ्य तथा संस्कारित समाज का हिस्सा बनें साथ ही योगदान देते हुए लोगों को संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति जागरूक करें।
इस अवसर अन्य अतिथियों ने भी अपने अपने विचार साझा किए। इस 21 से 24 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले कार्यशाला में सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण की चुनौतियों को जानने, पहचानने के साथ ही उसके उपाय/समाधान की जानकारी, सरगुजा के प्राचीन वास्तु और शिल्पकला को संरक्षित करने के महत्व के बारे में जागरूकता, सांस्कृतिक धरोहरों के प्रबंधन और संरक्षण के लिए व्यावहारिक कार्ययोजना तैयार करने का अभ्यास कराया जाएगा।
कार्यशाला में सांस्कृतिक विरासतों को संरक्षित करने ज्ञान, कौशल और अनुभवों को साझा करने का अवसर भी दिया जाएगा। इस कार्यशाला में भाषाविद डॉ. सुधीर पाठक, शिक्षाविद डॉ. राजेश सिंह, इतिहासविद डॉ. ममता गर्ग, सदस्य जिला पुरातत्व संघ श्री कमलाकांत शुक्ला, संयुक्त कलेक्टर बलरामपुर श्री आर एन पांडेय, बिलासपुर संभाग के बिलासपुर, कोरबा, कवर्धा, जांजगीर-चांपा जिले तथा सरगुजा संभाग के सूरजपुर, अंबिकापुर, जशपुर, बलरामपुर जिले के लगभग 80 विद्यार्थी एवं शोधार्थी शामिल हुए।