छत्तीसगढ़बलरामपुर

‘‘यस वी कैन इंड टीबी‘‘ की थीम पर मनाया गया विश्व क्षय दिवस 147 ग्राम पंचायतें बनी टीबी मुक्त, सरपंचों को किया गया सम्मानित।

बलरामपुर || प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी जिला मुख्यालय बलरामपुर के बाजारपारा स्थित ऑडिटोरियम भवन में विश्व क्षय दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में कलेक्टर श्री राजेंद्र कटारा, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती नयनतारा सिंह तोमर, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा चेरवा, नगर पालिका उपाध्यक्ष श्री दिलीप सोनी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत कुमार सिंह व अन्य जनप्रतिनिधिगण सहित बड़ी संख्या में आम नागरिक व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे।
“जन-जन का रखें ध्यान, टीबी मुक्त भारत अभियान” की थीम पर आयोजित कार्यक्रम में मितानिन दीदी एवं असरफी देवी नर्सिंग कॉलेज के छात्र/छात्राओं के द्वारा निबंध, भाषण, रैली एवं पेंटिंग के माध्यम से टीबी के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम में कलेक्टर एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा टीबी निदान व निक्षय मित्रों को प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया एवं लोगों से अपील की गई कि निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों को पोषण आहार देकर सहयोग प्रदान करें।


कलेक्टर श्री राजेंद्र कटारा ने जिले में टीबी उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे जन जागरूकता कार्यक्रमों की संक्षिप्त जानकारी देते हुए कहा कि “टीबी मुक्त बलरामपुर के लिए सामूहिक सहयोग आवश्यक है। यदि किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण दिखाई दें, तो उसे तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए और इसे छिपाना नहीं चाहिए। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा मरीजों को न केवल निःशुल्क ईलाज उपलब्ध कराया जा रहा है, बल्कि ‘निक्षय पोषण योजना’ के तहत पोषण सहायता भी दी जा रही है। इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। इसके साथ ही उन्होंने नशे जैसी सामाजिक बुराइयों के प्रति लोगों को जागरूक किया और कहा कि “नशे से न केवल व्यक्ति स्वयं, बल्कि उसका परिवार और समाज भी प्रभावित होता है। हमें ऐसी बुराइयों से दूर रहना चाहिए।” उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे टीबी उन्मूलन अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं और गांव, पंचायत, ब्लॉक और जिले को पूरी तरह टीबी मुक्त बनाने में योगदान दें।


इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत सिंह ने बताया कि अपने आस-पास के स्थानों पर टीबी रोग के प्रति जन जागरूकता फैलाने का प्रयास करें। जिले में शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं के समस्त अधिकारी/कर्मचारी में टीबी स्क्रीनिंग का क्रियान्वयन किया जाना है, जो दो चरणों में 24 अप्रैल 2025 तक पूर्ण किया जाना है। उन्होंने बताया कि जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में माइक्रोस्कोपी द्वारा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ट्रूनॉट एवं जिला चिकित्सालय में सीबी-नॉट के द्वारा टीबी मरीजों के परीक्षण हेतु आधुनिक मशीनों के माध्यम से जांच की सुविधा उपलब्ध है।
टीबी मुक्त पंचायतों का सम्मान, निक्षय मित्रों को प्रोत्साहन
जिले को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य की दिशा में वर्ष 2024 में जिले की 147 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया। इसी कड़ी में लगातार दो वर्षों तक टीबी मुक्त रहने वाली 10 ग्राम पंचायतों के सरपंचों को कलेक्टर एवं उपस्थित जनप्रतिनिधियों द्वारा महात्मा गांधी की सिल्वर प्रतिमा, शॉल और श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर निक्षय मित्रों को भी समाज में टीबी उन्मूलन में योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया। साथ ही टीबी मरीजों को पोषण किट प्रदान की गई, जिससे उनके उपचार और पोषण में सहायता मिल सके।

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