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सुशासन की साय सरकार में भ्रस्टाचारियों पर खबर बनाना फिर पड़ा एक पत्रकार को भारी महंगा…

छत्तीसगढ़-बलौदाबाजार || आज प्रदेश के कोने-कोने में पत्रकारों पर हमला किया जा रहा है, यह पत्रकारिता के क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों और सुरक्षा के मुद्दों को उजागर करता है। ऐसी घटनाएं अक्सर प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर सवाल खड़े करती हैं। पत्रकारों पर हमले का मुख्य कारण अक्सर उनके द्वारा उजागर की गई सच्चाई या किसी विवादास्पद मुद्दे पर उनकी रिपोर्टिंग होती है। इस बार पत्रकार गोविंद रात्रे को शराब माफियाओं ने अपना शिकार बनाया, जाँच के नाम पर कार्यवाही में चार दिन विलंब से दर्ज हुई FIR, आख़िर ज़िम्मेदार कौन… ?

प्रदेश में बढ़ता अपराध यह बता रहा है कि समाज के सभी वर्गों को संगठित होकर अपराध को बढ़ाने में सहायक सभी तंत्र के ख़िलाफ़ अपनी आवाज बुलंद करें।

पीड़ित गोविंद रात्रे ने अपने आवेदन में बताया कि वे ग्राम दतान (प) पोस्ट दतान थाना पलारी जिला बलौदाबाजार- भाटापारा छ०ग० के स्थायी निवासी हैं व दैनिक अखबार सृजन भूमि छत्तीसगढ़ के संपादक हैं। बलौदाबाजार जिले के आबकारी विभाग में पदस्थ अधिकारी के सरंक्षण में चल रहा अपराधी प्रवित्ती का व्यक्ति अक्षय गिरी ने उपस्थित जलेश सिंह व अन्य पत्रकार साथीगण के समक्ष धमकी दिया कि ऑफिस से बाहर निकलोगे तब देख लेंगे।

उन्होंने अपनें कथन में बताया कि हम जा रहे थे तब रास्ते में शासकिय पालिटेक्नींग कालेज सकरी के सामने 8 से 9 बजे के बिच मेन रोड़ में दो अज्ञांत लडके हथियार ले कर खड़े थें जिन्होने लाठी, डण्डा, राड़, बेल्ट, से लगातार प्रहार करने लगा एवं रात्रे को टारगेट बना कर बुरी तरह से मारने लगे और जेब में रखे 32000 रुपये को शराब माफिया के डकैतों ने लुट लिया एवं मेरे साथ चल रहे अन्य प्रत्रकार पुष्पकांत मेजर, लकेश बघेल को भी बुरी तरह से मारे और किसी को बताने व पुलिस रिपोर्ट लिखाने पर जान से मारने की धमकी देने लगे। उनकी लगातार प्रहार से गोविंद बेहोश हो गया जिसको देखकर गुण्डे लोग मरा हुआ समझ कर भाग गये।

पत्रकार गोविंद रात्रे ने अपने शिकायत में यह भी बताया है कि आबकारी निरक्षक के संरक्षण में अक्षयगिरी स्वयं अपने गांव बनगबौद में खुले आम बड़ी मात्रा में कच्ची महुआ शराब का निर्माण करता है और बिक्रि करता है।

उन्होंने पुलिस-प्रशासन से आग्रह किया है कि प्राण घातक हमला व लुटपाट करने वाले अक्षयगिरी व उनके अन्य गुण्डे तथा उनको ऐसा करने के लिए निर्देश व संरक्षण देने वाले अधीकारी जलेश सिंह के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर सख्त से सख्त कार्यवाही करें।

वहीं प्रेस एवं मीडिया वेलफेयर एसोसिएशन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेंद्र जायसवाल जी ने मामले को लेकर बताया कि अगर अपराधियों की गिरफ्तारी व गुंडे पालने वाले आबकारी अधिकारियों पर अगर 7 दिवस के भीतर कार्यवाही नहीं होती है तो पत्रकार संगठन उग्र आंदोलन करने को विवश होगा, जिसकी पूर्ण जवाबदेही शासन प्रशासन की होगी।

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