छत्तीसगढ़सरगुजा-अम्बिकापुर

शिक्षा में नवाचारों और जनसहभागिता से शिक्षण व्यवस्था को बेहतर करें, जिससे सरगुजा की नई पहचान बने – संभागायुक्त श्री चुरेंद्र।

सरगुजा-अम्बिकापुर || सरगुजा संभागायुक्त श्री जीआर चुरेंद्र की अध्यक्षता में बुधवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में शिक्षा विभाग की संभाग स्तरीय बैठक संपन्न हुई। बैठक में संभागायुक्त श्री चुरेंद्र ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि शिक्षण व्यवस्था में जनसहभागिता बढ़ाने सामाजिक समरसता हेतु जशपुर जिले के फरसाबहार में पहली बैठक की जाएगी। यह ब्लॉक समन्वय हेतु बैठक होगी जिसमें खंड स्तरीय प्रशासनिक अधिकारी, समाज प्रमुख एवं पालक गण शामिल होंगे। इस दौरान उल्लास साक्षरता कार्यक्रम के तहत शपथ भी ली गई।

उन्होंने बैठक में कहा कि स्कूलों में शिक्षा में नवाचारों को प्रोत्साहित करें और हर माह इसकी समीक्षा भी करें। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था कमजोर है, ऐसे स्कूलों का चिन्हांकन कर विशेष पहल कर शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लापरवाही दिखने पर अधिकारी कार्यवाही अवश्य करें। उन्होंने बैठक में स्कूलों में पेयजल व्यवस्था की मॉनिटरिंग, जर्जर भवनों का डिस्पोजल और शौचालयों की मरम्मत हेतु निर्देशित किया। इस दौरान उन्होंने विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के निराकरण हेतु जनसहभागिता से अतिथि शिक्षकों एवं मानसेवी शिक्षकों की व्यवस्था हेतु निर्देशित किया।

उन्होंने कहा गांवों में ऐसे शिक्षित युवाओं को सूचीबद्ध करें जो पढ़ाने के इच्छुक हों, वैकल्पिक शिक्षक के रूप में इनकी सेवाएं ली जा सकती हैं। इसी तरह उन्होंने समय समय पर आवश्यकता अनुरूप अध्यापन के इच्छुक अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवा लेने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षक विषय पाठन पंजी तैयार करने का प्रमाण प्रस्तुत करें और शत प्रतिशत पंजी संधारित रखी जाए। इसी तरह शिक्षक डायरी भी प्रतिदिन संधारित की जाए।

बैठक में संभागायुक्त श्री चुरेंद्र ने शाला में शिक्षकों को समय पर उपस्थित होने के सख्त निर्देश दिए और विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने कहा। उन्होंने कहा कि स्कूलों में विद्यार्थियों की अनुपस्थिति के कारण को समझें और यथासंभव निराकृत कर व्यवस्था बनाएं। विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने हेतु स्कूलों से ही शुरुआत करें। स्मार्ट विद्यालय और स्मार्ट परिसर तैयार करने स्कूलों में स्वच्छता रखें। इसके लिए श्रमदान की पहल करें। अधिकारी श्रमदान में भाग लें और आस-पास ग्रामीणों को भी प्रोत्साहित करें। उन्होंने विद्यालय परिसर में अतिक्रमण को लेकर सख्त निर्देशित करते हुए कहा कि राजस्व विभाग के साथ समन्वय कर कार्यवाही करवाएं। इसके साथ ही उन्होंने विद्यालयों के नजदीक उपलब्ध शासकीय भूमि का चिन्हांकन कर शाला प्रबंधन समिति एवं ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर मनरेगा के जरिए खेल मैदान के रूप में विकसित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस कार्य को मिशन मोड में कराया जाए।

उन्होंने बैठक में विद्यालयों, छात्रावास और आश्रमों में बागवानी विकसित कराने के भी निर्देश दिए। बैठक में उपायुक्त श्री आरके खूंटे, संयुक्त संचालक श्री संजय गुप्ता सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी, समस्त जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी, बीईओ, बीआरसी, सीएसी उपस्थित रहे।

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