4 दिसंबर तक आयोजित होगा “पुरुष नसबंदी पखवाड़ा“ “मोर मितान मोर संगवारी के माध्यम से दूर की जाएँगी शंकाएं“

सरगुजा-अम्बिकापुर || पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गुरुवार से जिले में पुरूष नसबंदी पखवाड़ा चलाया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री पी.एस.मार्को ने बताया कि यह पखवाड़ा दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है। जिसमें पहला चरण मोबिलाइजेशन और दूसरा सेवा वितरण चरण के रूप में मनाया जाएगा। इस वर्ष पुरूष नसबंदी पखवाड़ा ‘‘आज ही शुरूआत करें, पति-पत्नी मिलकर परिवार नियोजन की बात करें’’ के थीम पर मनाया जाना है। पखवाड़े के पहले चरण में लाभार्थियों को पुरुष नसबंदी की जानकारी दी जा रही है और उन्हे इसे अपनाने के लिए तैयार किया जा रहा है, वहीं दूसरे चरण में सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता ‘’मोर मितान मोर संगवारी’’ का आयोजन करेंगे जिसमें वह अपने क्षेत्र के समस्त लक्षित दंपतियों के पुरुषों से संपर्क कर व्यक्तिगत चर्चा में नसबंदी के फायदे बताएंगे और साथ ही समुदाय में फैले हुए पुरुष नसबंदी से संबंधित मिथकों और भ्रांतियों को दूर करने के लिए परामर्श करेंगे। इस दौरान मुख्यतः वैसेक्टोमी यानी पुरुष नसबंदी पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा ।

उन्होंने बताया कि जिले में मैदानी स्तर पर जागरूकता तथा नसबंदी को बढ़ावा देने हेतु पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक, बीईटीओ तथा मितानिनों को व्यक्तिगत चर्चा एवं परामर्श पुरूष नसबंदी के फायदे को हितग्राहियों तक प्रचारित करने तथा पुरूष नसबंदी को बढ़ावा देने हेतु मोर मितान मोर संगवारी के माध्यम शंकाएं दूर करने किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है।
सिविल सर्जन डॉ जे के रेलवानी ने बताया बढ़ती जनसंख्या को लेकर पूरा देश और विश्व चिंतित है। हम परिवार नियोजन के साधनों को इस्तेमाल करें और जो गलतफहमियां समाज में हैं उसे दूर करें, कई लोग ये मानते हैं कि पुरुष नसबंदी के बाद कई दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ता है और स्वास्थ्य लाभ लेना पड़ता है, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है।
परिवार नियोजन के तहत नसबंदी का ऑपरेशन 20 मिनट में पूरा हो जाता है, 24 घंटे के बाद आदमी अपना सामान्य काम भी करने लगता है। नोडल अधिकारी डॉ रोजलीन आर एक्का ने बताया कि पखवाड़े का उद्देश्य लोगों का ध्यान प्रजनन स्वास्थ्य समस्याओं की ओर भी दिलाना है क्योंकि खराब स्वास्थ्य दुनिया भर में गर्भवती महिलाओं की मौत का प्रमुख कारण है। उन्होंने बताया कि शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में नसबंदी उपरांत हितग्राहियों हेतु प्रावधानित प्रोत्साहन या प्रतिपूर्ति राशि अंतराल महिला नसबंदी को 2 हजार प्रसवोत्तर महिला नसबंदी को 3 हजार रुपए एवं पुरूष नसबंदी को 3 हजार रूपए की राशि प्रदाय की जाती है।






